त्राण पाने की आशा



श्री आमोद कुमार मिश्र जी की ये रचना समाज और पाठकों को सोचने - विचार करने के लिए मजबूर करती है। यहाँ उनकी डायरी से ली गयी मूल छवि डाली गयी है।  

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